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ज़िला परिषद तथा सरकारी प्रशालाओं के लिए किफायती, प्रभावी इ-लर्निंग समाधान।

ग्रामीण महाराष्ट्र के शिक्षा की स्थिति पर किया गया सर्वेक्षण कुछ अच्छी खबर देता है और कुछ बुरी। अच्छी ख़बर यह है कि, संपूर्ण राज्य में दाखिले और उपस्थिति उच्च है। बुरी ख़बर यह है कि, शिक्षा के मानक कुछ निम्न हैं। सर्वेक्षण दर्शाता है कि, ६ से १४ आयु वर्ग के ९९ प्रतिशत बच्चे प्रशालाओं में दाखिल हुए हैं। २००१ की गणना के अनुसार महाराष्ट्र में ४३७२२ गाँव हैं।

पीछले वर्षों से तुलना की जाए तो राज्य में ख़ास तौर पर कमज़ोर अध्ययन स्तर के साथ गणित में निराशाजनक आँकडे दर्ज किए गए हैं। अब तक के आँकडों के अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि महाराष्ट्र के शिक्षा के परिणाम स्थिर रहे हैं और अगले स्तर तक का उछाल अभी तक प्राप्त नही किया गया है। महाराष्ट्र स्वयं को प्रगतिशील राज्य के तौर पर देखता है किंतु इसने उन्नती के लिए कुछ ख़ास प्रयत्न नही किए हैं।

हम ई-क्लास में महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्र और कम विकसित स्कूलों के लिए शैक्षिक सामग्री प्रदान करने में मदद करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के साधारण स्कूलों से अनेक विद्यार्थी शिक्षित हो सकते हैं और इस तकनिक की मदद से अध्ययन कर सकते हैं। हमारे ई- क्लास स्कूल सोल्युशन्स के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के बीच की दूरी को सब के लिए समान शिक्षा प्रदान कर के मिटाया जा सकता है।

हमारे पास सरकार के लिए अनेक शैक्षिक योजनाएँ तथा विकल्प हैं जिन्हें सरकार ग्रामीण तथा शहरी प्रशालाओं में लागू कर सकती है। राज्य हमारे सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू कर सकता है क्योंकि यह सबसे आसान, सस्ती और बहुत उपयोगकर्ता प्रणाली है।

और इंग्लीश में सामग्री तथा पाठ्यक्रम है।हमारा उत्पाद बहुत उपयोगकर्ता और शिक्षक स्नेही है, इसके महाराष्ट्र जैसे राज्य में बहुमत वाले स्कूल क्षेत्रीय भाषा मराठी में हैं, इस राज्य में मराठी माध्यम के लगभग 80000 स्कूल हैं। हमारे पास मराठी लिए इंटरनेट, या किसी अतिरिक्त प्रशिक्षण या किसी अतिरिक्त मनुष्य बल की आवश्यकता नहीं है। एक साधारण टिवी या प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा दी जा सकती है। भारत सरकार छात्रों के लिए विभिन्न कार्य कर रही है, और यह राज्य में शिक्षा के विकास के लिए बहुत बड़े कदम उठा रही है। ई -क्लास उत्पाद को उपयोग में लाकर दूर के छोटे से छोटे क्षेत्र में भी शिक्षा पहूँचाई जा सकती है और हर कोई शिक्षित हो सकता है।

सरकार की ओर से प्रभावी सहयोग के साथ भारत वैभव के रास्ते पर चल रहा है और भविष्य के लिए विशाल शिक्षित जनसंख्या तैयार होगी। हमने इसे पुणे नगर निगम के 600 स्कूलों और विभिन्न zp स्कूलों में स्थापित किया है।

मॉडल 1 :

  • प्रत्येक स्कूल में टीवी / प्रोजेक्टर
  • Android बॉक्स (मल्टी मीडिया पेन ड्राइव प्लेयर)
  • पहली से 10 वीं कक्षा तक की सामग्री के साथ पेनड्राइव
  • बिजली की कमी के लिए बैटरी बैकअप इनवर्टर
  • सिस्टम को एक साधारण रिमोट से संचालित किया जा सकता है और पूरी कक्षा को पूरी तरह से ऑफ़लाइन डिजिटल सामग्री से संचालित किया जा सकता है। किसी भी इंटरनेट या अतिरिक्त सिस्टम की आवश्यकता नहीं है।

मॉडल २ :

  • प्रत्येक प्रशाला में टिवी/प्रोजेक्टर
  • प्रत्येक कक्षा में एंड्राइड (१०/७ इंच) टॅबलेट
  • सौर (सोलर) चार्जर
  • टीवी को एंड्रॉइड टैबलेट के साथ जोड़ा जाएगा जिसमें सामग्री होगी। सामग्री को टीवी / प्रोजेक्टर पर देखा जाएगा और एंड्रॉइड टैबलेट का उपयोग अन्य एप्लिकेशन और फ़ंक्शन के लिए भी किया जा सकता है। सामग्री मेमोरी कार्ड में होगी और टैबलेट को सोलर चार्जर की मदद से चार्ज किया जा सकता है।

मॉडल ३ :

पूरी सामग्री को उन स्कूलों में भी लोड किया जा सकता है जहाँ कंप्यूटर उपलब्ध हैं। ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों सिस्टम संभव।